अब पेंशन धारियों को बना रहे है निशाना साइबर ठग : दिया ठगी का लाइव डेमो

सावधान इंडिया न्यूज़

बुजुर्गों को ठगने कमरे में चलाता था कॉल सेंटर:दिल्ली से पकड़ाए आरोपी ने दिया ठगी का लाइव डेमो; देशभर के पेंशनधारियों का डेटा मिला

मैं पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी से बोल रहा हूं। वर्किंग पीरियड से लेकर रिटायरमेंट तक आपने जो इन्वेंस्टमेंट किया उसका टोटल अमाउंट 3 लाख 75 हजार 850 का है। आपको अपना पैसा लेने के लिए 20 हजार रुपए का टैक्स चुकाना होगा।”

कुछ इस तरह से झांसे में फंसाकर बुजुर्ग पेंशनधारियों को ठगने वाले आरोपी को इंदौर क्राइम ब्रांच ने दिल्ली से एक गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 7 वायरलेस सेट, 6 लैंडलाइन, ठगने के लिए स्क्रिप्ट लिखी 10 डायरी मिलीं। साथ ही इंदौर के 20 हजार और देश भर के लाखों सीनियर सिटिजन पेंशन धारियों का डेटा मिला है।

क्राइम ब्रांच की टीम को आरोपी ने लोगों के साथ ठगी करने का लाइव डेमो देकर भी बताया। इस दौरान उसने लोगों से बात की। क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश त्रिपाठी ने बताया कि

रितिक पुत्र बिट्टू जाटव निवासी नेहरु नगर नई दिल्ली बीए पास है। उसे गिरफ्तार किया है। वह डिजिटल गैंग के अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर एक कमरे में बैठकर देशभर के लोगों को कॉलिंग कर उन्हें थाने और पुलिस के नाम से डराता था। इसके बाद वह लोगों से अकाउंट में रुपए लेता था।

बदमाश कैसे ठगी करते हैं उसका तरीका जानने के लिए पुलिस ने बदमाश को अपने सामने खड़ा कर दिया। डीसीपी त्रिपाठी ने पेंशनर बनकर उससे बातचीत की। इस दौरान बदमाश से पुलिस ने यह बातचीत की…. बदमाश – मैं पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी से बोल रहा हूं। इस डिपार्टमेंट में आपकी एक फाइल सेव हुई है सीपीएफ यानी कंबाइंड परफॉरमेंस फंड की। बदमाश – ये आपकी ऑल ओवर पर्सनल इंडिविजुअल इन्वेस्टमेंट की फाइल है। यानी जो इन्वेस्टमेंट आपने अपने वर्किंग पीरियड से लेकर रिटायरमेंट तक किया है। तो ये उसी आधार पर जनरेट होती है। इसमें टोटल अमाउंट जनरेट किया जाता है। बदमाश – आपका टोटल अमाउंट 3 लाख 75 हजार 850 का है। ग्राहक – ये पैसा मुझे कैसे मिलेगा? बदमाश – क्लेम करने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट ऑनलाइन भेज दीजिएगा। इसके लिए हम आपको भारत सरकार की एक साइट का एड्रेस देंगे। वहां सभी डॉक्यूमेंट अपलोड कर दीजिएगा। (इसके बाद बदमाश पेंशनर के मोबाइल पर एक पोर्टल एड्रेस भेजते हैं, जहां सभी डॉक्यूमेंट अपलोड करवाते हैं।) बदमाश – हमें आपके डॉक्यूमेंट मिल गए हैं। आपको अपना पैसा लेने के लिए 20 हजार रुपए का टैक्स चुकाना होगा। बदमाश – इसके बाद हमारे सीनियर भी जुड़ते हैं और वे भी अलग-अलग लिंक भेजकर पैसा मांगते हैं। डिजिटल अरेस्ट करने के लिए हमारे बॉस फोन लगाते हैं। उनकी लोकेशन दूसरी रहती है।

क्राइम ब्रांच के अफसरों के मुताबिक आरोपी रितिक दिल्ली के पटेल नगर के आसपास की लोकेशन मिली थी। इसके बाद मौके पर पहुंचे तो 50 से अधिक मल्टी थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने मल्टियों के आसपास चाय, नाश्ता, पान की दुकान, कैनोपी लगाकर सिमकार्ड बेचने वाले, रिचार्ज करने वाले सभी की जानकारी लेकर कर 5 दिनों तक सर्चिंग कर पकड़ा। क्राइम ब्रांच के कुछ लोग जॉब के लिए इंटरव्यू देने भी पहुंचे। वहीं देखा गया कि कहां संस्था या आफिस संचालित हो रहे और कौनसी जगह खाली है। इसके बाद रितिक के फ्लैट की एक बिल्डिंग में जानकारी हाथ लगी। उसके बाद ब्रांच के लोगों ने जाकर उसे पकड़ा।

वायरलेस, लैंडलाइन, क्लोनिंग सिम बरामद आरोपी रितिक के पास से रजिस्टर में साल 2024 से अभी तक 500 सिमकार्ड VI कंपनी की ठगी में उपयोग होने की जानकारी मिली है। उसने कबूला है कि वह 2019 से यह काम कर चुका है। वहीं अभी तक 3 हजार सिम का उपयोग खुद इस तरह की वारदात के लिए कर चुका है। उसके यहां से 1 मॉनिटर, प्रिंटर, नेटवर्क बूस्टर सहित 7 की पेड मोबाइल क्लोनिंग सिम को एक्टिव करने के लिए इस्तेमाल करने वाली मिली है।

क्राइम ब्रांच के NCRP पोर्टल पर महिला (65) इंदौर ने डिजिटल अरेस्ट के नाम से ऑनलाइन ठगी की शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि 11 सितंबर 2024 को वॉट्सऐप कॉल आया, जिसने स्वयं को टेलीकॉम रेगुलेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के दिल्ली हेड ऑफिस से इन्क्वायरी ऑफिसर बताया।

इस दौरान कहा गया कि जिओ कंपनी की एक सिम रजिस्टर्ड है, जिसके माध्यम से अवैध एडवरटाईजिंग और हैरसमेंट का अपराध हुआ है। इसलिये आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है आपके नाम से सारे फोन नंबर एक घंटे के अंदर बंद कर दिये जाएंगे। कॉल डिस्कनेक्ट हो गया कुछ देर बाद दूसरे मोबाइल से कॉल आया। खुद को सीबीआई ऑफिसर बताया।

आधार कार्ड से दर्ज एक पार्सल कम्बोडिया भेजा गया है जो कि कस्टम विभाग में है और उस पर इन्क्वायरी चल रही है आपके नाम की एक पासबुक भी निकली है जिसमें ड्रग्स, आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग के लिये करोड़ों के ट्रांजैक्शन मिले हैं। आपके खिलाफ हमने वारंट निकाल दिया है।

इसके बाद अलग-अलग अकाउंट का इस्तेमाल करते हुए करीब 46 लाख रुपए लिए थे। आरोपियों ने ऑडियो और वीडियो कॉलिंग के माध्यम से घर में अरेस्ट भी किया था।

पूर्व में भी आरोपियों को पकड़ चुकी क्राइम ब्रांच

क्राइम ब्रांच की टीम ने पहले इस मामले में फलाह दारेन मदरसा समिति का प्रबंधक अली अहमद खान और सहप्रबंधक असद अहमद खान को 5 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था। उक्त गिरफ्तार आरोपी ने ग्राम सतौरा कन्नौज, उत्तरप्रदेश में मदरसा चलाना अपना व्यवसाय बताया था। उसने ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग को अपने उक्त मदरसा समिति का बैंक खाता 50 प्रतिशत कमीशन पर उपलब्ध कराने का कार्य करना कबूला।

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