इंदौर क्राइम ब्रांच ने पकड़ा ई-सिगरेट और हुक्के का जखीरा: ग्राहकों को बेचने गोदाम में छिपाकर रखा था ; ऑर्डर पर खुद देता था डिलीवरी
इंदौर क्राइम ब्रांच ने प्रतिबंधित ई-सिगरेट का जखीरा पकड़ा है। आरोपी ने उसे बेचने के लिए गोदाम में छिपा रखा था। क्राइम ब्रांच ने गोदाम में दबिश देकर कार्रवाई करते हुए रानीपुरा मार्केट से उमेश नानक शाही निवासी अन्नपूर्णा रोड काे पकड़ा है।
आरोपी ने नई बागड़ के पास एक बिल्डिंग में ई सिगरेट छिपाकर रखी थी। क्राइम ब्रांच ने वहां दबिश दी तो बिल्डिंग में ई-सिगरेट और हुक्का फ्लेवर मिला। जिसमें करीब 500 पैकेट के लगभग ई-सिगरेट और 1 हजार के ऊपर हुक्का फ्लेवर बरामद हुए है। आरोपी से करीब 10 लाख रुपए की कीमत का माल जब्त किया गया है।
शहरभर की दुकानों में करता था सप्लाई
क्राइम ब्रांच के अफसरों के मुताबिक आरोपी शहर की पान और अन्य पार्लरों पर इसे सप्लाई करने का काम करता था। आरोपी थोक का काम करता है। वह इसे प्रदेश के बाहर से बुलवाता था। और माल की डिलीवरी ऑर्डर पर खुद करता था। पुलिस ने इस मामले में आरोपी पर प्रतिबंधात्मक नशा बेचने को लेकर कार्रवाई की है।
क्या होती है इ – सिगरेट
इ-सिगरेट (E-Cigarette) एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो धूम्रपान की तरह लगता है, लेकिन इसमें तंबाकू नहीं होता है। इसके बजाय, इसमें एक तरल पदार्थ होता है जिसमें निकोटिन और अन्य रसायन होते हैं।
इ-सिगरेट के मुख्य घटक हैं:
- बैटरी: यह इ-सिगरेट को शक्ति प्रदान करती है।
- टैंक: इसमें तरल पदार्थ भरा जाता है।
- कॉइल: यह तरल पदार्थ को गर्म करता है और वाष्प में बदलता है।
- माउथपीस: यह उपयोगकर्ता के मुंह में रखा जाता है और वाष्प को सांस में लेने के लिए उपयोग किया जाता है।
इ-सिगरेट के उपयोग से जुड़े कुछ जोखिम हैं:
- निकोटिन की लत: इ-सिगरेट में निकोटिन होता है, जो एक शक्तिशाली नशीला पदार्थ है।
- फेफड़ों की समस्याएं: इ-सिगरेट के वाष्प में रसायन होते हैं जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- हृदय रोग: इ-सिगरेट के उपयोग से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
- युवाओं पर प्रभाव: इ-सिगरेट के उपयोग से युवाओं के मस्तिष्क और शारीरिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इ-सिगरेट के उपयोग से जुड़े जोखिमों के बारे में अभी भी अधिक शोध की आवश्यकता है। इसलिए, इ-सिगरेट का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।