RBI के रेपो रेट में कटौती के बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने होम लोन की ब्याज दरों में कटौती की है। अब इन दोनों ही बैंकों की ब्याज दरें सालाना 8.10% से शुरू होंगी।
होम लोन लेते समय इन 3 बातों का रखें ध्यान
प्री-पेमेंट पेनल्टी की जानकारी जरूर लें कई बैंक समय से पहले लोन अदा करने पर पेनल्टी लगाते हैं। ऐसे में बैंकों से इस बारे में पूरी डिटेल ले लें, क्योंकि समय से पहले लोन अदा करने पर बैंकों को उम्मीद के मुताबिक कम ब्याज मिलता है। ऐसे में उनकी ओर से कुछ टर्म एडं कंडीशन लगाए जाते हैं। इसलिए होम लोन लेते वक्त इस बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें।
अपने सिबिल स्कोर का ध्यान रखें सिबिल स्कोर से व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री का पता चलता है। पर्सनल लोन के मामले में बैंक आवेदक का सिविल स्कोर जरूर देखते हैं। क्रेडिट स्कोर कई खास क्रेडिट प्रोफाइलिंग कंपनियों की तरफ से तय किया जाता है।
इसमें यह देखा जाता है कि आपने पहले लोन लिया है या क्रेडिट कार्ड आदि का इस्तेमाल किस प्रकार किया है। किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर रीपेमेंट हिस्ट्री, क्रेडिट इस्तेमाल का अनुपात, मौजूदा लोन और बिलों के समय पर पेमेंट से पता चलता है।यह स्कोर 300-900 की रेंज में होता है, लेकिन 700 या उससे ज्यादा के स्कोर को कर्जदाता अच्छा मानते हैं।
ऑफर्स का रखें ध्यान बैंक समय- समय पर लोन लेने वालों को बेहतर ऑफर्स उपलब्ध कराते रहते हैं। ऐसे में आप लोन लेने से पहले सभी बैंकों के ऑफर्स के बारे में पता कर लें। क्योंकि जल्दबाजी में लोन लेना आपके लिए गलत साबित हो सकता है। लोन लेने से पहले सही से छानबीन कर लें।
होम लोन के प्रकार
बैंक/ लोन संस्थान अलग- अलग उद्देश्यों के लिए होम लोन प्रदान करते हैं। इसलिए किसी भी प्रकार के होम लोन के लिए आवेदन करने से पहले, ये पता लगाए कि आपको अपनी किस ज़रूरत के लिए लोन चाहिए। उपलब्ध होम लोन के कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं:
- होम परचेज लोन: यह रेडी-टू-मूव-इन प्रॉपर्टी, अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी और प्री-ओन्ड होम/रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लिया जाने वाला सबसे आम होम लोन है। आरबीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक, बैंक/ लोन संस्थान प्रॉपर्टी वैल्यू के 75-90% जितनी होम लोन राशि ऑफर कर सकते हैं।
- कंपोज़िट लोन: यह उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है जो या तो निवेश के लिए या फिर घर बनाने के लिए प्लॉट खरीदना चाहते हैं। इस प्रकार के होम लोन में, प्लॉट खरीदने के लिए लोन राशि की पहली किस्त ट्रांसफर की जाती है। फिर जैसे-जैसे घर बनकर तैयार होता रहता है, वैसे-वैसे लोन की राशि आपको मिलती रहती है।
- होम कंस्ट्र्क्शन लोन: इस प्रकार का होम लोन उन व्यक्तियों के लिए है जिन्हें घर बनवाने के लिए पैसे चाहिए होते हैं। यह लोन तभी दिया जाता है जब आपके पास पहले से ही ज़मीन होती है और उस पर घर बनाना चाहते हैं। कंपोज़िट लोन की तरह इसके तहत भी घर निर्माण के चरणों के मुताबिक होम लोन राशि ट्रांसफर की जाती है।
- होम रेनोवेशन/ इंप्रूवमेंट लोन: मौज़ूदा घर के रेनोवेशन और मरम्मत संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए ये लोन लिया जा सकता है। इस लोन की ब्याज दर रेगुलर होम लोन के समान ही होती है। हालांकि, इसकी लोन अवधि रेगुलर होम लोन की तुलना में कम होती है।
- होम एक्सटेंशन लोन: यह उन लोगों के लिए है जिन्हें अपने घर में अतिरिक्त जगह जोड़ने के लिए पैसों की ज़रूरत होती है। इस प्रकार के लोन के तहत, बैंक/ लोन संस्थान आमतौर पर लोन राशि और एलटीवी रेश्यो के आधार पर, जितनी राशि में घर का निर्माण कार्य पूरा होगा, उसका 75-90% उधार देते हैं।
- ब्रिज लोन: यह होम लोन कम अवधि के लिए प्रदान किया जाता है। यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो मौज़ूदा घर को बेचना चाहते हैं और उससे प्राप्त राशि से नया घर खरीदना चाहते हैं। बेचने और खरीदने के बीच राशि में जो अंतर होता है उसके लिए आप ब्रिज लोन ले सकते हैं।
- इंटरेस्ट सेवर लोन: यह होम लोन ओवरड्राफ्ट सुविधा के समान है। इसमें उधारकर्ता का होम लोन अकाउंट उसके बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है। बैंक अकाउंट में ईएमआई राशि से अधिक जमा की गई किसी भी राशि का उपयोग लोन की प्रीपेमेंट के रूप में किया जाता है। इस प्रकार, ब्याज राशि पर भी बचत होती है।
- स्टेप अप लोन: इसके तहत उधारकर्ता लोन अवधि के शुरुआती सालों में कम ईएमआई का भुगतान करते हैं। हालांकि, समय के साथ ईएमआई राशि बढ़ती जाती है। यह उन युवा प्रोफेशनल के लिए लोन को किफायती बनाता है जिन्होंने हाल ही में अपना करियर शुरू किया है।
होम लोन की योग्यता शर्तें
होम लोन की योग्यता शर्तें बैंक/ लोन संस्थान और लोन योजनाओं के मुताबिक अलग- अलग होती हैं। हालांकि, कुछ सामान्य होम लोन योग्यता शर्तें निम्नलिखित हैं:
- राष्ट्रीयता: आवेदक भारतीय निवासी, अनिवासी भारतीय (NRI) और भारतीय मूल का व्यक्ति (PIO) होना चाहिए
- क्रेडिट स्कोर: 700 या उससे अधिक
- न्यूनतम आयु: 18 वर्ष, कुछ बैंक न्यूनतम आयु 21 वर्ष तय करते हैं
- अधिकतम आयु: आमतौर पर लोन मैच्योरिटी के समय 70 वर्ष, कुछ बैंक अवधि को 75 वर्ष तक बढ़ा देते हैं।
- कार्य अनुभव: कम से कम 2 वर्ष (नौकरीपेशा के लिए)
- बिज़नेस कितना पुराना है: कम से कम 3 वर्ष (गैर- नौकरीपेशा के लिए)
- न्यूनतम सैलरी: कम से कम 25,000 रुपये प्रति माह (ये हर बैंक/ लोन संस्थानों में अलग- अलग होती है)
- लोन राशि: प्रॉपर्टी वैल्यू की 90% तक
इनके अलावा, होम लोन की योग्यता शर्तें इस पर भी निर्भर करती हैं कि आप किस प्रकार की प्रॉपर्टी खरीद
होम लोन के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
- पहचान प्रमाण: पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस (किसी एक की फोटोकॉपी)
- आयु प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, 10 वीं कक्षा की मार्कशीट, बैंक पासबुक और ड्राइविंग लाइसेंस (किसी एक की कॉपी)
- निवास प्रमाण: बैंक पासबुक, वोटर आईडी, राशन कार्ड, पासपोर्ट, यूटिलिटी बिल (टेलीफोन बिल, बिजली बिल, पानी का बिल, गैस बिल) और LIC पॉलिसी रिसीट (किसी एक की कॉपी)
- आय प्रमाण
- नौकरीपेशा के लिए: फॉर्म 16 की कॉपी, हाल ही की सैलरी स्लिप, पिछले 3 वर्षों के आईटी रिटर्न (ITR) और इंवेस्टमेंट प्रूफ (यदि कोई हो)
- गैर- नौकरीपेशा के लिए: पिछले 3 वर्षों का इनकम टैक्स रिटर्न, बैलेंस शीट और कंपनी/ फर्म के प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट स्टेटमेंट, बिज़नेस लाइसेंस की जानकारी और बिज़नेस के पते का प्रमाण
- प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज़: सोसायटी / बिल्डर से NOC, घर के निर्माण में होने वाले खर्च का अनुमान, रजिस्टर्ड सेल एग्रीमेंट, अलॉटमेंट लैटर और बिल्डिंग प्लान की मंज़ूरी की कॉपी
नोट: ऊपर दी गई लिस्ट के आलावा बैंक/ लोन संस्थान अतिरिक्त दस्तावेज़ भी मांग सकते है।
होम लोन के टैक्स लाभ
भारत सरकार, होम लोन लेने पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्स बेनिफिट (Tax Benefits of Home Loan) प्रदान करती है। होम लोन पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट से आप हर साल अच्छी-खासी बचत कर सकते हैं। नीचे उन टैक्स लाभों की जानकारी दी गई है, जो आपको होम लोन EMI के भुगतान पर मिल सकते हैं:
होम लोन कैसे लें?
आप 3 आसान स्टेप्स को फॉलो करके पैसाबाज़ार के ज़रिये होम लोन के लिए अप्लाई कर सकते है:
- स्टेप: 1 अपनी डिटेल्स शेयर करें: अपनी पर्सनल डिटेल्स के साथ-साथ आपको लोन आवश्यकताओं से संबंधित डिटेल्स दर्ज करनी होगी।
- स्टेप: 2 ऑफर देखें: शेयर किए गए डिटेल्स के अनुसार आपको होम लोन ऑफर लिस्ट दिखाई देगी। एलिजिबल हाउसिंग लोन ऑफर्स की ब्याज दर, लोन राशि, अवधि, प्रोसेसिंग फीस आदि की तुलना करें।
- स्टेप: 3 आवेदन जमा करें: अंत में उस होम लोन ऑफर के लिए आवेदन करें जो आपकी लोन आवश्यकताओं को पूरा करता हो।
लोन के लिए सफलतापूर्वक आवेदन करने के बाद आपको होम लोन आवेदक की पुष्टि के साथ एक रेफरेंस नंबर दिया जाएगा। इसके बाद, हमारे लोन एक्सपर्ट इस आवेदन को आगे बढ़ाने के लिए 24 घंटे के भीतर संपर्क करेंगे।
महिलाओं के लिए होम लोन
महिलाओं के पास अपना घर हो, इसके लिए कुछ बैंक/ लोन संस्थान महिलाओं को होम लोन पर 0.05% जितनी कम ब्याज दर प्रदान करते हैं। इसलिए, जो भी कस्टमर होम लोन लेने की सोच रहें है उन्हें अपनी पत्नी को प्राथमिक आवेदक बनाकर जॉइंट होम लोन लेने कि सलाह दी जाती है। ऐसा करने पर आपको कुछ बेनिफिट्स मिलते है जिनमे होम लोन की ब्याज में रियायत, टैक्स बेनिफिट और लोन अप्रूव्ल की बेहतर संभावनाएं शामिल हैं।
होम लोन लेने की प्रक्रिया क्या है?
होम लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया में कई स्टेप्स शामिल हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है:
- एप्लीकेशन और डॉक्यूमेंटेशन
होम लोन प्रोसेस एप्लीकेशन फॉर्म भरने, केवाईसी दस्तावेज़, आय का प्रमाण और संपत्ति से संबंधित दस्तावेज़ जमा करने से शुरू होता है। सह-आवेदक (यदि कोई हो) को भी आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा और वही दस्तावेज़ जमा करने होंगे जो मुख्य आवेदक ने जमा किये हैं।
नोट: होम लोन के लिए जमा किये जाने वाले दस्तावेज़ों की पूरी लिस्ट यहां जाने।
बैंकिंग सेवाओं के डिजिटलीकरण के साथ, कई बैंकों और एचएफसी होम लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान करते है। इस तरह की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रियाओं ने आवेदक को ‘इंस्टेंट’ ‘प्री-अप्रूव्ड’ होम लोन देने और लोन प्रक्रिया को तेज़ और अधिक सुविधाजनक बनाने में भी मदद की है।
- क्रेडिट इवैल्यूएशन
आवश्यक दस्तावेज़ों और आवेदन पत्र जमा करने के बाद, बैंक/HFCs क्रेडिट मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू करते है। जिसम आवेदक की आय, नौकरी, क्रेडिट स्कोर, मौजूदा लोन या कोई EMI, नियोक्ता की प्रोफाइल, व्यवसाय (यदि स्व रोजगार है) आदि के आधार पर आवेदक की होम लोन योग्यता को निर्धारित किया जाता है। इसके साथ ही बैंक HFCs आपके द्वारा होम लोन आवेदन में दी गई जानकारी को चेक करने के लिए, बैंक/HFCs ऐजेंट आपके घर भी आ सकते हैं या आप जहां नौकरी करते हैं उस कंपनी/ संगठन से संपर्क कर सकते हैं।
- प्रॉपर्टी वेरिफिकेशन
होम लोन देने से पहले बैंक प्रॉपर्टी से जुड़ी चीजों को चेक करते है। जिसमे आपको टाइटल एग्रीमेंट की मूल कॉपी, NOC, एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज़ जमा करने होंगे जो आपसे लोन संस्थान ने मांगे हैं। यह भी चेक किया जाएगा कि जिस प्रॉपर्टी के लिए लोन आवेदन किया है वह संपत्ति आपकी है या नहीं, प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट ठीक है या नहीं। इसके अलावा बैंक प्रॉपर्टी की वर्तमान और रिसेल वैल्यू के साथ बिल्डिंग की उम्र, मौजूदा हालत और निर्माण क्वालिटी को भी चेक करते है। प्रॉपर्टी पर कानूनी जांच भी की जाएगी यह सुनिश्चित करने के लिए कि इसपर कोई विवाद नहीं है।
- होम लोन सेंक्शन लेटर
वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैंक आपको एक सेंक्शन लेटर देता है। जिसमे आपके होम लोन आवेदन को मंजूरी दी जाती है। इसके साथ ही सेंक्शन लेटर में ज़रूरी डिटेल्स भी होती हैं, जैसे:
- लोन राशि
- होम लोन ब्याज दर
- इंटरेस्ट रेट फिक्स्ड है या फ्लोटिंग
- लोन रिपेमेंट अवधि
- लोन रिपेमेंट से जुड़े नियम व शर्तें क्या हैं, आदि।
सेंक्शन लेटर पर सिग्नेचर करने के बाद आवेदक को वन-टाइम सिक्योर पेमेंट फीस का भुगतान करना होता है। हालांकि बैंक आपको होम लोन मंजूरी से पहले या बाद में भी सिक्योर पेमेंट फीस का भुगतान करने को कह सकता है।
- होम लोन डिस्बर्सल
ऊपर बताए गए सभी चरणों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद बैंक होम लोन आवेदन की मंजूरी देते है और आवेदक को एक फाइनल एग्रीमेंट लेटर दिया जाता है। यदि आप बने बनाएं घर या फ्लैट को खरीदते है तो बैंक एकमुश्त लोन राशि प्रदान करता है। जबकि घर बनने के मामले में बैंक निर्माण कार्य के हिसाब से लोन राशि देते है।
ध्यान दें: ऊपर बताए गए होम लोन प्रोसेस एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग हो सकता है।
कम ब्याज दरों पर होम लोन कैसे मिलेगा?
700 या उससे अधिक क्रेडिट स्कोर बनाए रखें
जिन आवेदकों का क्रेडिट स्कोर 700 या उससे अधिक होता है, उन्हें बैंक लोन देने में दिलचस्पी दिखाते है। अधिक क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को कम इंटरेस्ट रेट पर लोन मिलने की संभावनाएं भी बढ़ जाती है। वहीं अगर बात करें कम क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों की तो उनके लोन स्वीकार होने की संभावना कम होती है और अगर लोन मिल भी जाए तो उसकी ब्याज दरें अधिक होती है।
अपने मौजूदा बैंकों और HFCs से संपर्क करें
कई बैंक/HFCs अपने मौजूदा ग्राहकों को उनकी क्रेडिट प्रोफाइल के हिसाब से कई सारे लाभ प्रदान करते है जिनमे प्री-अप्रूव्ड लोन और कम ब्याज दरों पर होम लोन आदि शामिल है। इसलिए, होम लोन के लिए अप्लाई करने से पहले उन बैंकों/हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों द्वारा दी जाने वाली होम लोन ब्याज दरों को ज़रूर चेक करें जिनमे पहले से आपका लोन, डिपॉजिट या क्रेडिट कार्ड अकाउंट है।
बैंकों और HFCs द्वारा दी जाने वाली होम लोन ब्याज दरों की तुलना करें
आप अपने मौजूदा बैंकों और एचएफसी के होम लोन ऑफर चेक करने के अलावा अन्य बैंकों/एचएफसी द्वारा दी जाने वाली होम लोन ब्याज दरों की भी तुलना करें। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक अलग-अलग ग्राहकों को अलग-अलग ब्याज दरों पर होम लोन ऑफर करते हैं। यह आवेदकों के क्रेडिट स्कोर, मासिक आय और नियोक्ता/ कंपनी की प्रोफाइल जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है।
कम समय में कई सारे लोन अप्लाई करने से बचें
कम समय में कई लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से बचें, इससे आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है और आपको होम लोन या पर्सनल लोन मिलने की संभावना भी कम हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब भी आप लोन के लिए आवेदन करते हैं, तब बैंक/ HFCs आपकी क्रेडिट योग्यता का मूल्यांकन करने के लिए क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट मांगते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को हार्ड-इन्क्वायरी कहा जाता है। हार्ड-इन्क्वायरी की वजह से आपका क्रेडिट स्कोर कुछ पॉइंट से कम हो सकता है। इसलिए, बैंक/ HFCs में सीधे लोन के लिए आवेदन करने के बजाय, Paisabazaar जैसी ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस का उपयोग करें। जहां आप कई लोन ऑफर की आपस में तुलना और लोन के लिए अप्लाई भी कर सकते हैं।
ब्याज लागत को कम करने के लिए होम लोन बैलेंस ट्रांसफर करें
बैलेंस ट्रांसफर सुविधा के तहत ग्राहक अपने मौजूदा होम लोन की बकाया राशि को कम ब्याज दरों, बेहतर शर्तों और नियमों पर किसी अन्य बैंकों या HFCs में ट्रांसफर कर सकते हैं। कम ब्याज दर होने की वजह से ब्याज लागत में भी कमी आती है यानी कि आपको कम ब्याज राशि का भुगतान करना पड़ता है। क्योंकि हर बैंक की इंटरनल क्रेडिट असेसमेंट पॉलिसी अलग होती है, इसलिए एक आवेदक को बैलेंस ट्रांसफर पर दी जाने वाली ब्याज दरें भी एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग हो सकती है। इसलिए अपना होम लोन ट्रांसफर करने से पहले विभिन्न बैंकों और HFCs की बैलेंस ट्रांसफर ब्याज दरों की तुलना ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस पर ज़रूर कर लें।